अंतर्यामी रूप धर मेरे सकल सवारों काज ||
श्री लाल जी इष्ट सहायक जीव का प्रेम भक्ति के पाए
देश विदेशे संकट में श्री सतगुरु करत सहाए ||
श्री लाल जी हम निर्बल बल न चले आप बल लियो जाए
श्री हरी गुरु तुम्हारी शरण बिना और शरण नै काये ||
शरण गहे नर-जीव की सब अंग हौत दयाल
तुम जगत प्रकासक जगत गुरु तेज़ पुंज प्रकाश ||
तीहं पर बलि बलि जाइये निम्न पलक अरु श्वाश
बावन साखी मंगलाचार श्री हरी गुरु जी करो जीव की सहाए ||
|| ॐ श्री बावा लाल दयाल दयालं
अलाए बलाए तालम श्री गोविन्द रक्ष पालम
श्री लाल दयालाये नमस्कारम श्री लाल दयालाये नमस्कारम ||
।। मेरा एहसास मेरा विश्वाश ।।
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ReplyDeleteBawa lal Dham dhiyanpur, gurdaspur, punjab.
ReplyDeleteBawa lal dham punjab
Lal dwara, india
Bawa lal ji punjab
Jai bawa lal dayal ji maharaj
ReplyDeleteGaddies of bawa lal dayal ji maharaj.
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